कुंडली के 12 भाव और उनके स्वामी| 12 भाव का स्वामी कौन है| कुंडली में कौन सा घर किसका होता है|

 



कुंडली के 12 भाव

  • 1st House प्रथम भाव: स्वभाव भाव।
  • 2nd House द्वितीय भाव: धन और परिवार भाव।
  • 3rd House तृतीय भाव: यह भाई-बहन एवं वीरता भाव।
  • 4th House चतुर्थ भाव: माता एवं आनंद भाव।
  • 5th House पंचम भाव: संतान एवं ज्ञान भाव।
  • 6th House षष्ठम भाव: शत्रु एवं रोग भाव।
  • 7th House सप्तम भाव: विवाह एवं पार्टनरशिप भाव।
  • 8th House अष्टम भाव: आयु का भाव।
  • 9th House नवम भाव: भाग्य, पिता एवं धर्म भाव।
  • 10th House दशम भाव: करियर और व्यवसाय भाव।
  • 11th House एकादश भाव: आय और लाभ भाव।
  • 12th House द्वादश भाव: व्यय और हानि भाव।

कुंडली के 12 भाव और उनका महत्व

  1. प्रथम भाव से जन्‍म और व्‍यक्ति का स्‍वाभाव ज्ञात किया जाता है।
  2. द्वितीय भाव से धन, नेत्र, मुख, वाणी, परिवार ज्ञात किया जाता है।
  3. तृतीय भाव से साहस, छोटे भाई-बहन, मानसिक संतुलन ज्ञात किया जाता है।
  4. चतुर्थ भाव से माता, सुख, वाहन, प्रापर्टी, घर ज्ञात किया जाता है।
  5. पंचम भाव से संतान, बुद्धि ज्ञात किया जाता है।
  6. षष्ठम भाव से रोग, शत्रु और ऋण ज्ञात किया जाता है।
  7. सप्तम भाव से विवाह, जीवनसाथी, पार्टनर ज्ञात किया जाता है।
  8. अष्टम भाव से आयु, खतरा, दुर्घटना ज्ञात किया जाता है।
  9. नवम भाव से भाग्‍य, पिता, गुरु, धर्म ज्ञात किया जाता है।
  10. दशम भाव से कर्म, व्यवसाय, पद, ख्‍याति ज्ञात किया जाता है।
  11. एकादश भाव से लाभ, अभिलाषा पूर्ति ज्ञात किया जाता है।
  12. द्वादश भाव से खर्चा, नुकसान, मोक्ष ज्ञात किया जाता है।

कुंडली के 12 भाव और उनके स्वामी

  1. पहले भाव का स्वामी ग्रह मंगल होता है और कारक ग्रह सूर्य है।
  2. दूसरे भाव का स्वामी ग्रह शुक्र होता है और कारक ग्रह गुरु है।
  3. तीसरे भाव का स्वामी ग्रह बुध होता है और कारक ग्रह मंगल है।
  4. चौथे भाव का स्वामी ग्रह चंद्र होता है और कारक चंद्र है।
  5. पाँचवें भाव का स्वामी ग्रह सूर्य होता है और कारक ग्रह गुरु है।
  6. छठे भाव का स्वामी ग्रह बुध होता है और कारक ग्रह केतु है।
  7. सातवें का स्वामी शुक्र होता है और कारक शुक्र और बुध हैं।
  8. आठवें भाव का स्वामी ग्रह मंगल होता है और कारक ग्रह शनि, मंगल और चंद्र हैं।
  9. नौवें भाव का स्वामी ग्रह गुरु होता है और कारक भी गुरु होता है।
  10. दसवें भाव का स्वामी ग्रह शनि होता है और कारक शनि है।
  11. ग्यारहवें भाव का स्वामी शनि होता है और कारक गुरु है।
  12. बारहवें भाव का स्वामी गुरु होता है और कारक राहु है।
GURUDEV SANTOSH TRIPATHI

आम इंसान की समस्‍याओं और चिंताओं की नब्‍ज पकड़कर बाजार में बैठे फर्जी बाबा और ढोंगी लोग ज्‍योतिष के नाम पर ठगी के लिए इस प्रकार के दावे करते हैं। ज्‍योतिष विषय अपने स्‍तर पर ऐसा कोई दावा नहीं करता।

Post a Comment

Previous Post Next Post