नमक का इस तरह उपयोग दिलाएगा कई परेशानियों से मुक्ति

 


दैनिक जीवन में नमक का काफी उपयोग किया जाता है। नमक को जहां खाद्य पदार्थ बनाने के दौरान मिलाया जाता है तो इसका वास्तु अनुसार उपयोग किया जाना भी विशेष फायदेमंद है। जानिये,नमक का वास्तु अनुसार किस तरह उपयोग कर जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए जाएं।

नमक के प्रमुख प्रकारों में सेंधा नमक, समुद्री नमक, काला नमक और सामान्य नमक हैं। ज्योतिष में नमक को चंद्र,शुक्र और राहु ग्रह से संबंधित माना है। वास्तुशास्त्र में भी नमक का विशेष महत्व है। मान्यता अनुसार यदि किसी स्टील या लोहे के बर्तन में नमक को रखा जाता है तो चंद्र और शनि के मिलन से दुष्प्रभाव देखने को मिलते हैं।

नमक को प्लास्टिक के पात्र में भी नहीं रखा जाना चाहिए बल्कि इसे सिर्फ कांच के पात्र में रखा जाना उचित माना है।

घर की बरकत में लाभकारी – नमक का घर में वास्तु नियम अनुसार उपयोग करने पर नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और बरकत होती है। पोंछा लगाने से पहले बाल्टी के पानी में कुछ साबुत खड़ा नमक यानि समुद्री नमक मिलाना चाहिए।

बाथरूम और टॉयलेट में वास्तु दोष समाधान – बाथरूम और टायलेट में वास्तु दोषों को दूर करने में भी नमक का विशेष महत्व है। मान्यता अनुसार बाथरूम या टॉयलेट में एक कांच की कटोरी में खड़ा नमक यानि समुद्री नमक भर कर रख देना चाहिए जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है लेकिन हर महीने इस नमक को बदल कर नया नमक रख देना चाहिए।

सेहत में सुधार के लिए उपयोगी — नमक सेहत में लाभ पहुंचाता है और लंबे समय से चल रही बीमारी में राहत दिलाता है। यदि कोई व्यक्ति किसी बीमारी से लंबे समय से पीडित है तो उसके सिरहाने कांच के एक बर्तन में नमक रख देना चाहिए और हर सप्ताह में उस नमक को बदल कर दूसरा नमक भी रखना चाहिए जिससे आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होने लगेगी और पीडित व्यक्ति की सेहत में सुधार भी होना लगेगा।

इसके अलावा भोजन में साधारण नमक का उपयोग करने की बजाय सेंधा नमक या काले नमक का उपयोग करना चाहिए जिससे स्वास्थ्य में लाभ मिलता है।

ग्रहों की मजबूती के लिए उपयोगी — ज्योतिष अनुसार यदि किसी जातक या जातिका की कुंडली में चंद्र ग्रह कमजोर स्थिति में है तो समुद्री और सामान्य नमक का भोजन में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और अगर कुंडली में मंगल कमजोर है तो समुद्री नमक का उपयोग किया जा सकता है।

नमक मिले पानी के स्नान से लाभ — ज्योतिष व वास्तुशास्त्र में नमक मिला कर पानी का उपयोग करने का बहुत महत्व माना है। नमक के पानी में कई मिनरल्स और पोषक तत्व होते हैं।

नमक मिले हुए पानी का स्नान करने पर हड्डियों और नसों की सूजन में कमी आती है और मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इस पानी का उपयोग करने पर नकारात्मक ऊर्जा भी दूर होती है।





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GURUDEV SANTOSH TRIPATHI

आम इंसान की समस्‍याओं और चिंताओं की नब्‍ज पकड़कर बाजार में बैठे फर्जी बाबा और ढोंगी लोग ज्‍योतिष के नाम पर ठगी के लिए इस प्रकार के दावे करते हैं। ज्‍योतिष विषय अपने स्‍तर पर ऐसा कोई दावा नहीं करता।

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