दिवाली पर चुपके से करें ये अचूक उपाय़, पूरे साल नहीं होगी धन की कमी
‘दिवाली’ को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता हैं। यह त्योहार भगवान राम की याद में मनाया जाता है जो 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।
यह रोशनी का त्योहार है, जो अंधकार में रोशनी का विजय प्रतीक है। दिवाली वास्तव में एक मिलन का त्योहार है, जिसमें सभी अपनों से मिलते हैं और खुशियां बांटते हैं।
दिवाली से दो दिन पहले धनतेरस से ही यह उत्सव शुरू हो जाता है और अमावस्या के दिन दीपक जलाकर दिवाली मनाते हैं। यह पर्व हमारे जीवन में सुख-शांति लाता है। इस अवसर पर व्यापारी अपने व्यवसायों क नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत भी करते हैं।
दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त 2023 (Diwali Puja Muhurat)
इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर, 2023 को मनाई जाएगी।
- पंचाग के अनुसार दिवाली 12 नवंबर 2023 की रात को मनाना सबसे शुभ रहेगा।
- लक्ष्मी पूजा (laxmi puja) के लिए शुभ मुहूर्त 12 नवंबर की शाम 5:40 मिनट से लेकर 7:36 मिनट तक करीब 1 घंटे 55 मिनट का रहेगा।
दिवाली पूजा सामग्री (diwali puja samagri)
एक चौकी, लाल कपड़ा, भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो, अक्षत यानी साबुत चावल के दानें जो टूटे न हों, कुमकुम, हल्दी, दूर्वा, सुपारी, लौंग, इलायची, एक तांबे या पीतल का कलश, आम के पत्ते, पान के पत्ते, मौली, दो नारियल, 2 बड़े दीपक, 11 छोटे दीपक, घी, सरसों का तेल, दीये की बाती, धूप, अगरबत्ती, जल पात्र, गंगाजल, पुष्प, कमल का फूल, मीठे बताशे, खील, मिठाई, फल, पकवान, मेवे।
आपको बता दें, कि लक्ष्मी पूजा (laxmi pujan) में कई जगह कमलगट्टे, कौड़ी और धनिया चढ़ाने की भी परंपरा है, तो अगर आप चाहें तो ये सामग्री चढ़ा सकते हैं।
दिवाली पूजा विधि (Diwali Puja Vidhi 2023)
- जहां पूजा करनी है, उस जगह को साफ करें।
- ज़मीन पर आटे या चावल से चौक बनाएं।
- आपसे चौक न बनें तो केवल कुमकुम से स्वास्तिक बना लें या कुछ दाने अक्षत के रख दें।
- इसपर अब एक चौकी रखें, उसपर लाल कपड़ा बिछाएं।
- अक्षत का आसन देते हुए, माता लक्ष्मी और गणेश को विराजमान करें।
- लक्ष्मी जी को गणेश जी के दाहिने ओर ही स्थापित करें और दोनों प्रतिमाओं का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में ही रखें।
- अब हम दोनों प्रतिमाओं के आगे थोड़े रुपए, गहने और चांदी के सिक्के रखें।
- चांदी के सिक्के देवता कुबेर का स्वरूप होते हैं, अगर यह आपके पास उपलब्ध न हों तो आप कुबेर जी का चित्र या प्रतिमा भी स्थापित कर सकते हैं।
- लक्ष्मी जी के दाहिनी तरफ अक्षत से अष्टदल यानी 8 पखुंडियों वाला एक पुष्प बनाएं।
- जल से भरे कलश को उसपर रख दें, इसके अंदर गंगा जल, हल्दी, कुमकुम, अक्षत, दूर्वा, सुपारी, लौंग और इलायची का जोड़ा डालें।
- अगर आपके पास यह सब सामग्री नहीं है तो केवल शुद्ध जल, अक्षत, हल्दी और कुमकुम भी डाल सकते हैं।
- कलश पर हम कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं।
- साथ ही आम के पत्तों पर भी हल्दी-कुमकुम लगाएं।
- इस कलश में आम के पत्ते भी डालें और उसके ऊपर नारियल पर मौली बांधकर रख दें।
- चौकी के सामने अन्य सामग्री भी लगा कर रख दें।
- आप दो बड़े चौमुखी घी के दीपक रख लें और 11 दीयों में सरसों का तेल डालें।
लक्ष्मी पूजा विधि (Laxmi Puja Vidhi)
- इसके बाद, जल पात्र में एक पुष्प को डुबोकर, सभी देवी-देवताओं पर छिड़कें।
- आचमन के लिए आप इस तरह बाएं हाथ से दाएं हाथ में जल लें और दोनों हाथों को साफ करें।
- अब तीन बार यह जल स्वयं ग्रहण करें और साथ ही इन मंत्रों का उच्चारण करें-
ॐ केशवाय नमः
ॐ नारायणाय नमः
ॐ माधवाय नमः
- इसके बाद फिर से हाथ धो लें।
- दोनों घी के बड़े दीपकों की गणेश जी और लक्ष्मी जी के सामने प्रज्वलित करें
- एक तेल का दीपक कलश के समक्ष जलाएं।
- एक दीपक आप पितरों के नाम से पूजा में जला लें।
- अब दीपक के साथ धूप और अगरबत्ती भी जलाकर, भगवान जी को दिखाएं।
- अब हाथ में पुष्प लेकर, अपनी आंखें बंद करें और इस मंत्र के साथ गणेश जी का आवाहन करें-
ऊँ गं गणपतये नमः।
- इसके बाद माता लक्ष्मी का आवाहन करते हुए, इस मंत्र का उच्चारण करें- ऊँ महालक्ष्म्यै नमः।
- भगवान गणेश, माता लक्ष्मी, कुबेर जी, कलश और दीपक को एक-एक करके पुष्प अर्पित करें।
- अब माता लक्ष्मी को हम वस्त्र रूपी मौली अर्पित करें और गणेश जी को जनेऊ अर्पित करें।
- कुमकुम से दोनों प्रतिमाओं को तिलक करें। साथ ही चांदी के सिक्कों और गहनों को तिलक लगाएं।
- अब भगवान गणेश और माता लक्ष्मी के चरणों में अक्षत अर्पित करें।
- ऐसा करने के बाद हम कमल का फूल और कमल गट्टे भी भगवान जी को चढ़ाएंगे।
- माता लक्ष्मी को नारियल अर्पित करें।
- अब दो लौंग, दो इलायची, और सुपारी, पान के पत्ते पर रखकर भगवान गणेश और माँ लक्ष्मी के सामने रख दें।
- अब बारी है भगवान जी को भोग अर्पित करने की, इसके लिए हम भगवान को खील और चीनी के बताशों का भोग लगाएंगे।
- भोग में आप मिठाई, फल और पकवान भी चढ़ा सकते हैं।
- भोग के बाद चम्मच से चारों ओर जल घुमाएं और नीचे गिरा दें।
- अब भगवान की आरती उतारते हुए भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती गाएं।
- आरती के बाद, हाथ में पुष्प और अक्षत लें ले और ईश्वर से यह प्रार्थना करें कि, “आप हमारी पूजा स्वीकार करना, और हमें जीवन में सुख-समृद्धि और सद्बुद्धि प्रदान करना।
- साथ ही पूजा अब हम पूजा में हुई, किसी भी गलती के लिए मांफी मांगे, अगर हमसे इस पूजा में कोई भी भूल-चूक हुई हो तो हमें क्षमा करें।
- इसके बाद, यह पुष्प और अक्षत भगवान के चरणों में छोड़ दें।
- अंत में सबको आरती दें और भोग को प्रसाद के रूप में वितरित करें।
- अपने घर में बड़े लोगों का आशीर्वाद ज़रूर लें।
- बचे हुए दीयों को घर के विभिन्न स्थानों पर रख दें।
- ध्यान रहे, दीयों का मुख बाहर की तरफ होना चाहिए।
इस प्रकार दिवाली पूजा (Diwali Puja) संपन्न हुई।
दीपावली के 21 उपाय 21 चमत्कार
धन वृद्धि के अचूक उपाय -
1. पीले कपड़े में जलकुंभी बांधकर अपने रसोई घर में रखने से घर खाद्य उपयोग की वस्तुओं से भरा पूरा रहेगा।
2. दिवाली के दिन संध्याकाल में पीपल के पेड़ के नीचे साबुत उड़द के दाने थोड़ा दही और सिंदूर डालकर चढ़ायें और तेल का दीपक जलायें। आप देखेंगे की धन वृद्धि होने लगेगी।
3. दीपावली की सायंकाल को बरगद की जटा में गांठ लगा दें, ऐसा करने से अचानक धन मिलता है, धन मिलने के बाद उस गांठ को खोल दें।
4. हत्थाजोड़ी को सिंदूर में भरकर तिजोरी में रखने से धन वृद्धि होती है।
5. दीपावली पर गन्ने के पेड़ की जड़ को लाकर लाल कपड़े में बांधकर लाल चंदन लगाकर धन स्थान पर रखें। इससे धन में वृद्धि होगी।
6. लक्ष्मी पूजन के साथ एकाक्षी नारियल की स्थापना कर उसकी पूजन-उपासना करें। इससे धन लाभ होता है साथ ही परिवार में सुख-शांति बनी रहती है।
7. लक्ष्मी का पूजन करने के लिए स्थिर लग्न श्रेष्ठ माना जाता है। इस लग्न में पूजा करने पर महालक्ष्मी स्थायी रूप से घर में निवास करती हैं।
8. लक्ष्मी पूजन में गोमती चक्र रखने से घर में धन संबंधी लाभ होने लगता है।
9. लक्ष्मी पूजन में पीली कौड़ियां रखने से महालक्ष्मी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं। आपकी धन संबंधी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी।
10. दीपावली के दिन बिना स्नान किये प्रातः काल एक नारियल को पत्थर से बांधकर अपने नजदीक के किसी भी तालाब, बावड़ी अथवा नदी में ले जाकर डुबो दें, तथा प्रार्थना करें कि शाम को मैं आपको लक्ष्मी जी के साथ ले कर जाऊंगा, शाम के समय पुनः उस नारियल को जल से निकालकर घर ले आयें और लक्ष्मी पूजा में सम्मिलित करके दुकान अथवा घर के पूजा स्थल में रखें, इससे प्रचुर धन की प्राप्ति होगी और कर्ज निवारण होगा।
11. दीपावली के पांचों दिनों में घर में शांति बनाए रखें। किसी भी प्रकार का क्लेश, वाद-विवाद न करें। जिस घर में शांति रहती है वहां देवी लक्ष्मी हमेशा निवास करती हैं।
12. सप्ताह में एक बार किसी जरूरतमंद सुहागिन स्त्री को सुहाग का सामान दान करें। ध्यान रखें यह उपाय नियमित रूप से हर सप्ताह करना चाहिए।
13. किसी पीपल के वृक्ष का एक पत्ता तोड़ें। उस पत्ते पर कुमकुम या चंदन से श्रीराम लिखें। इसके बाद पत्ते पर मिठाई रखें और यह हनुमानजी को अर्पित करें।
14. दीपावली के दिन 3 अभिमंत्रित गोमती चक्र, 3 पीली कौडियां और 3 हल्दी गांठों को एक पीले कपड़े में बांधें। इसके बाद इस पोटली को तिजोरी में रखें। धन लाभ के योग बनने लगेंगे।
15. स्फटिक से बना श्रीयंत्र दीपावली के दिन बाजार से खरीदकर लाएं। श्रीयंत्र को लाल वस्त्र में लपेटकर तिजोरी में रखें। कभी भी पैसों की कमी नहीं होगी।
16. घर में स्थायी लक्ष्मी हेतु पीपल के वृक्ष की छाया में खड़े रह कर लोहे के बर्तन में जल, चीनी, घी तथा दूध मिला कर पीपल के वृक्ष की जड़ में डालने से घर में लम्बे समय तक सुख-समृद्धि रहती है।
17. घर की आर्थिक स्थिति ठीक करने के लिए घर में सोने का चैरस सिक्का रखें। कुत्ते को दूध दें। अपने कमरे में मोर का पंख रखें।
18. पकी हुई मिट्टी के घड़े को लाल रंग से रंगकर, उसके मुख पर मौली बांधकर तथा उसमें जटायुक्त नारियल रखकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
19. अखंडित भोज पत्र पर सूर्य यंत्र लाल चन्दन की स्याही से मोर पंख की कलम से बनाएं और उसे सदा अपने पास रखें।
20. कच्ची घानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें। अनिष्ट दूर होगा और धन भी प्राप्त होता है।
21. देवी लक्ष्मी के चित्र के समक्ष नौ बत्तियों वाली घी का दीपक जलाएं। उसी दिन धन लाभ होगा।
सुख-समृद्धि के अचूक उपाय
1. घर में स्थित तुलसी के पौधे के पास दीपावली की रात में दीपक जलाएं। तुलसी को वस्त्र अर्पित करें।
2. माह की हर अमावस्या पर पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जानी चाहिए। साफ-सफाई के बाद घर में धूप-दीप-ध्यान करें।
3. दीपावली की रात्रि रात भर घी का दीया सूर्योदय तक जलायें, यह शुभ फलदायक रहता है।
4. इस रात्रि में चांदी की कटोरी में अगर कपूर को जलायें, तो परिवार में सुख, समृद्धि की वर्षा होती है।
5. दीपावली की रात में केसर से रंगी 9 कौड़ियों की भी पूजा करें। पूजन के पश्चात इन कौडियों को पीले कपड़े में बांधकर पूजास्थल पर रखें। व्यापार स्थल पर रखने से व्यापार बढ़ता है।
6. दीपावली से अगले दिन गाय के खुर की मिट्टी से, अथवा तुलसीजी की मिट्टी से तिलक करें, सुख-शान्ति में बरकत होगी।
7. अमावस्या की मध्य रात्रि को किसी चैराहे पर सरसों के तेल का दीपक जलाकर आयें। मुड़कर पीछे नहीं देखें। घर से निर्धनता का नाश होगा।
8. इस रात्रि में काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर सात बार उतारें और घर की पश्चिम दिशा में फेंक दें, ऐसा करने से धन हानि बंद होकर, सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
9. दीपपर्व पर श्वेतार्क गणेश की प्रतिमा घर में लाएंगे तो हमेशा बरकत बनी रहेगी। परिवार के सदस्यों को पैसों की कमी नहीं आएगी।
10. इस दिवाली एक नया झाड़ू खरीद कर लायें तथा इस दिन इसी झाड़ू से घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई करें। साफ-सफाई करने के बाद इस झाड़ू को छुपाकर रखें।
11. रात्रि में लक्ष्मी पूजा करने के बाद घर के प्रत्येक हिस्से में घंटी बजाने से घर में वास कर रही अशुभ शक्तियों का विनाश होता है। नकारात्मकता का अंत होकर, सकारात्मकता बनी रहती है।
12. प्रातः काल सारे घर की साफ-सफाई, शुद्धता होने के बाद मुख्य द्वार पर आम या अशोक के पत्तों का बंदनवार लगायें. इससे शुभ शक्तियां घर में प्रवेश करती हैं।
13. घर के मुख्य द्वार पर कुमकुम से स्वास्तिक का चिह्न बनाकर द्वार के दोनों ओर कुमकुम से शुभ-लाभ भी लिखें।
14. किसी मंदिर में झाड़ू का दान करें। घर के आसपास महालक्ष्मी का मंदिर हो तो वहां गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्ती का दान करें।
15. पांच अभिमंत्रित कौड़ियों पर हल्दी का तिलक लगाकर अपने ऊपर से आठ बार उतारकर किसी भिखारी को कुछ पैसों के साथ दान कर दें।
16. पीपल के 11 पत्ते तोड़ें, चंदन की स्याही का प्रयोग करते हुए उनपर श्रीराम का नाम लिखें। पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर इन पत्तों की माला बनाकर हनुमान जी को पहनायें।
17. प्रातःकाल जल में लाल मिर्च के 21 बीज डालकर सूर्य को अर्पित करें।
18. सायंकाल पीपल के पेड़ के नीचे सात दीपक जलाएं और सात बार वृक्ष की परिक्रमा करें। घर में सुख-समृद्धि का वास होगा।
19. सुबह-सुबह शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करें।
20. काली राई, सरसों का तेल का दो मुख वाला दीपक लंे, सायंकाल में चैराहे पर पूर्व दिशा की तरफ मुख करके दोनों मुट्ठियों में राई ले, बाईं ओर की राई को दाईं ओर फेंक दें तथा दाईं ओर की राई को बाईं ओर फेंक दे। इसके बाद चैराहे पर दो मुख वाला दीपक जलायें, और घर आ जायंे। और हाथ पैर धो लें।
21. लक्ष्मीजी को गन्ना, अनार, सीताफल अवश्य चढ़ाएं। दीपावली के दिन प्रातःकाल 7 अनार और 9 सीताफल दान करें।
बाधायें दूर करने के उपाय
1. दिवाली की रात्रि आप किसी गरीब व्यक्ति को काले कंबल का दान करें। ऐसा करने पर शनि और राहु-केतु के दोष शांत होंगे और कार्यों में आ रही रुकावटें दूर हो जाएंगी।
2. अपामार्ग की जड़ लायें और पूजन के पश्चात अपनी दाहिनी भुजा में बाँध लंे देखिये आपके कार्यों की बाधाएं कैसे दूर होने लगती है।
3. गोमती चक्र को लकड़ी की डिब्बी में पीले सिंदूर के साथ रख दिया जाए, तो व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलने लगती है।
4. इस दिन किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं।
5. पीपल के वृक्ष के नीचे छोटा सा शिवलिंग स्थापित कर इसकी नित्य पूजा करें।
6. इस तिथि को पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने पर शनि के दोष और कालसर्प दोष समाप्त हो जाते हैं।
7. पीपल के वृक्ष के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो यह चमत्कारी फल प्रदान करने वाला उपाय है।
8. पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाकर सात परिक्रमा करनी चाहिए। इसके साथ ही शाम के समय पीपल के वृक्ष के नीचे दीपक भी लगाना चाहिए।
9. पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाने से पितृ और देवता प्रसन्न होते हैं, और अच्छी आत्माएं घर में जन्म लेती हैं।
10. तेल का दीपक जलाएं और दीपक में एक लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें।
11. किसी बुजुर्ग इंसान का अपमान न करें और दीपावली के दिन विशेष रूप से उनके चरण स्पर्श करके आशीर्वाद ग्रहण करें। ऐसा करने पर बड़ी-बड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।
12. इस रात में एक नींबू लेकर मध्यरात्रि के समय किसी चैराहे पर जाएं और वहां उस नींबू को चार भाग में काटकर चारों रास्तों पर फेंक दें।
13. दीपावली के दिन घर के पश्चिम में खुले स्थान पर पितरों के नाम से 14 दीपक लगाएं।
14. इस रात्रि को पीपल के पत्ते पर दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करें। इससे आर्थिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
15. प्रतिदिन सुबह घर से निकलने से पहले केसर का तिलक लगाएं। ऐसा हर रोज करें।
16. ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करते समय नहाने के पानी में कच्चा दूध और गंगाजल मिलाएं। वस्त्र धारण कर सूर्य को जल अर्पित करें। लाल पुष्प सूर्य को चढ़ाएं। किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अनाज एवं वस्त्र का दान करें.
17. महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौड़ियां भी रखनी चाहिए। ये कौडियां पूजन में रखने से महालक्ष्मी बहुत ही जल्द प्रसन्न होती हैं। आपकी धन संबंधी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी।
18. सुबह जब भी उठें तो उठते ही सबसे पहले अपनी दोनों हथेलियों का दर्शन करना चाहिए।
19. रात्रि में कच्चा सूत ले कर, उसे शुद्ध केसर से रंग कर, अपने कार्य स्थान में रखने से उन्नति होती है। लक्ष्मी पूजन में हल्दी की गांठ भी रखें।
20. लक्ष्मी पूजा करते समय एक बड़ा घी का दीपक जलाएं जिसमें नौ बत्तियां लगाई जा सकंे। सभी 9 बत्तियां जलाएं और लक्ष्मी पूजा करें।
21. पीपल का एक पत्ता तोड़ लाएं और इसे पूजा स्थान पर रखें। शनिवार आने पर पत्ता पुनः पीपल को अर्पित कर दें और दूसरा पत्ता ले आएं। यह प्रक्रिया हर शनिवार को करें। इससे घर में लक्ष्मी का स्थायी निवास रहेगा और शनिदेव भी प्रसन्न होंगे।
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