आटे के दीपक से दूर होती हैं कई परेशानियां, किस समस्या के लिए कौन से आटे का दिया जलाएं, पढ़ें सरल उपाय
सनातन धर्म में दीपक जलाए बिना पूजा-आरती अधूरी रहती है. यहां तक कि हर शुभ मौके पर भी दीपक जलाए जाते हैं. खास मौकों पर चार बत्ती वाले या पंचमुखी दीपक भी जलाए जाते हैं. इसके अलावा दीपक में मौली, विशेष बाती या सरसों के तेल आदि का इस्तेमाल भी किया जाता है.
इसके लिए मिट्टी, पीतल के दीपक के अलावा आटे के दीपक का इस्तेमाल भी किया जाता है. कुछ खास मौकों पर आटे के दीये जलाते हैं, इसके पीछे विशेष वजह है.
ज्योतिष शास्त्र में तो आटे के दीपक को बहुत शक्तिशाली बताया गया है, जो जीवन की बड़ी से बड़ी समस्या को दूर कर सकते हैं. धनवान बनने के लिए भी आटे का दीपक जलाना एक कारगर उपाय है.
घी के दीपक का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. हर देवी-देवता की आरती, पूजा या अनुष्ठान के समय दीपक प्रज्ज्वलित किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीपक जलाने से वहां का वातावरण शुद्ध और सकारात्मक हो जाता है.
दीपक मिट्टी और आटे इन दोनों के जलाए जाते हैं. दोनों दीपक उनका अपना अपना विशेष महत्व है परंतु आटे के दीपक को हिंदू धर्म में शुद्ध और पवित्र माना जाता है. मान्यता है कि देवी-देवता की पूजा में आटे के दीपक जलाने से हर मनोकामना पूरी होती है.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, व्रत, पूजा, अनुष्ठान में दीप प्रज्ज्वलित कर वहां के वातावरण को सकारात्मक बनाया जाता है. हर एक समस्या के लिए अलग आटे का दिया जलाया जाता है, जिससे उसका असर जल्दी होता है और उस समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलती है.आइए जानते हैं आटे का दीपक जलाने का सही तरीका.
हर एक समस्या के लिए अलग आटे का दिया जलाया जाता है.
जानें किस समस्या के लिए कौन से आटे का दीपक जलाएं
1. गेहूं के आटे का दीपक
यदि आप किसी तरह के वाद-विवाद में फंसे हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो गेहूं के आटे का दीपक जलाना उत्तम माना गया है.
2. उड़द के आटे का दीपक
यदि आप अपने शत्रु को परास्त कर विजय प्राप्त करना चाहते हैं तो उड़द के आटे के बने दीपक सहायक हो सकते हैं.
3. मूंग के आटे का दीपक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आप अपने घर में शांति चाहते हैं तो मूंग के आटे से बने दीपक जलाएं.
आटे के दीपक जलाने के नियम
यदि आप चाहते हैं कि आपकी हर मनोकामना पूरी हो तो इसके लिए आटे के दीपक घटते या बढ़ते क्रम में जलाएं. जैसे 11 दिन, 21 दिन और 31 दिन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आटे के दीपक को इस क्रम में जलाया जाता है. 1 दीपक से शुरू करते हुए इसे 11 दीपक तक लिया जाता है, जैसे जिस दिन संकल्प लिया उस दिन, फिर दूसरे दिन, फिर तीसरे दिन, चौथे दिन. उसके अगले दिन से, इन दीपकों को फिर से घटते क्रम में जलाया जाता. जैसे 10, फिर 9, फिर 7, फिर 5, फिर 3 और फिर 1.
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