धन की कमी को दूर करती है कछुआ रिंग, धारण करने से पूर्व इस बात का रखें ख्याल

 

कछुए की अंगूठी को धारण करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। सिर्फ हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि फेंगशुई में भी कछुए की अंगूठी को काफी अहम माना जाता है। फेंगशुई में भी कछुए को सौभाग्य की प्राप्ति के रास्ते के तौर पर देखा जाता है।




हिंदू शास्त्रों के मुताबिक कछुए को भगवान विष्णु का अवतार माना गया है। इस कच्छप को ही हिंदू धर्म में शुभता का प्रतीक माना जाता है। इस कछुए को कई लोग घर में मंदिर में भी शुभता के तौर पर रखते है। वहीं कछुए की अंगूठी पहनना भी काफी अहम माना गया है।

कहा जाता है कि कछुए की अंगूठी को धारण करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। सिर्फ हिंदू धर्म में ही नहीं बल्कि फेंगशुई में भी कछुए की अंगूठी को काफी अहम माना जाता है। फेंगशुई में भी कछुए को सौभाग्य की प्राप्ति के रास्ते के तौर पर देखा जाता है। माना जाता है कि कछुए की अंगूठी धारण करने वाले व्यक्ति का भाग्य चमकता है। इस अंगूठी को पहनने के कई फायदे होते है।

मिलते हैं कई लाभ

कछुए की अंगूठी को पहनने से व्यक्ति को कई तरह के लाभ मिलते है। इसे धारण करने से व्यक्ति के जीवन में उन्नति आती है। व्यक्ति के पास जीवन में किसी तरह की कमी नहीं होती। खासतौर से धन की कमी से व्यक्ति को नहीं जूझना पड़ता है। कछुए की अंगूठी को धारण करने से व्यक्ति में आत्म विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इससे हर कदम पर व्यक्ति को सफलत मिलती है।

इन बातों का रखना होता है ख्याल

कछुए की अंगूठी को धारण करने वाले व्यक्ति को कई बातों का ध्यान रखना भी आवश्यक होता है। इस अंगूठी को हमेशा शुक्रवार के दिन ही पहनें। इसे धारण करने से पूर्ण इस अंगूठी को गंगाजल से शुद्ध करें। धारण करने से पहले माता लक्ष्मी जी के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें और इसके बाद इसे धारण करें।

इसे धारण करने के समय ध्यान रखें कि कछुए का मुंह ऊंगली के बाहर की तरफ नहीं बल्कि आपकी तरफ हो। कछुए का मुंह बाहर की तरफ हुए अंगूठी को धारण नहीं करना चाहिए। इससे धन हानि होती है।

अंगूठी की धातु का रखें ख्याल

कछुए की अंगूठी को धारण करने से पहले ध्यान रखें की कछुए की अंगूठी सही धातु से निर्मित हो। इस अंगूठी को सिर्फ चांदी की धातू में बनवाना चाहिए। किसी अन्य धातू में बनवाकर इसे धारण नहीं करना चाहिए। वहीं इस अंगूठी को धारण करने के बाद इसे बार बार उतारना नहीं चाहिए। ऐसा करने से अंगूठी का प्रभाव कम होने लगता है।

सही उंगली में धारण करें

कछुए की अंगूठी को धारण करते समय सही अंगूठी में ही धारण करना चाहिए। इस अंगूठी को हमेशा बाएं हाथ की बीच वाली उंगली में धारण करना चाहिए। इसके अलावा इस अंगूठी को तर्जनी उंगली में पहना जा सकता है। 

ये लोग बचें अंगूठी धारण करने से

हिंदू शास्त्रों के मुताबिक ये अंगूठी लोगों को फायदा पहुंचाती है। मगर इसे धारण करने से पहले देखना जरूरी है कि इसे हर राशि वाले लोग धारण ना करें। इस अंगूठी को मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन राशिवालों को धारण नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से ग्रह दोष लगने की संभावना होती है। ऐसे में जरूरी है कि इस अंगूठी को धारण करने से पहले ज्योतिष से इसकी जानकारी जरूर हासिल की जाए और फिर इसे धारण किया जाए।





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GURUDEV SANTOSH TRIPATHI

आम इंसान की समस्‍याओं और चिंताओं की नब्‍ज पकड़कर बाजार में बैठे फर्जी बाबा और ढोंगी लोग ज्‍योतिष के नाम पर ठगी के लिए इस प्रकार के दावे करते हैं। ज्‍योतिष विषय अपने स्‍तर पर ऐसा कोई दावा नहीं करता।

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