असली स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र

 क्या है | शाबर मंत्र के फायदे | शाबर मंत्र के नुकसान | शाबर मंत्र सिद्ध करने की विधि | साबर मंत्र क्या है.



जिस तरह देवी देवता के कर्मकांड के लिए वैदिक मंत्र के विधि विधान है, उसी प्रकार नवनाथ संप्रदाय में शाबर मंत्र की परम्परा है। यह Shabar Mantra स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र होते हैं, इसलिए इन्हें बोलना काफी आसान है और ये हर समस्या का निवारण करने की क्षमता रखते हैं। 

जीवन में कोई ना कोई समस्या आती ही रहती है और हम बहुत दुःखी हो जाते हैं, कि कैसे हम इन समस्याओं से निजात पाएं। समस्या दो प्रकार की होती है शारीरिक और मानसिक। हम फिर कोई उपाय खोजते रहते हैं। 

 हम आपको इस ब्लॉग पोस्ट में शाबर मंत्र के बारे में विस्तार से बताएंगे। शाबर मंत्र क्या हैं? कैसे काम करते हैं? और इनका क्या महत्व है? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस ब्लॉग पोस्ट में मिल जाएंगे।

Shabar Mantra का क्या मतलब होता है?

अत्यंत सरल भाषा में पाए जाने वाले सभी मंत्र Shabar Mantra माने जाते है। ये सभी मंत्र अत्यंत  सरल भाषा में पाए जाते है परंतु इनका कोई अर्थ नहीं होता, यह मंत्र सभी बोली जाने वाली भाषाओं में पाए जाते है। यह स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र कभी निष्फल नहीं जाते। 

इनको प्रयोग के लिए दीक्षा या गुरु की कोई सामान्य प्रयोगों के लिए आवशकता नहीं पड़ती। आप विद्वान हो या तंत्रिक या फिर एक सामान्य व्यक्ति शाबर मंत्र के प्रभाव सभी को मिलेगे। 

साबर मंत्र कौन से हैं? 

वास्तव में साबर मंत्र को शाबर मंत्र कहा जाता है। साबर मंत्र की रचना सर्वप्रथम 'साबरी' नामक ऋषि ने की थी; किंतु उनके द्वारा रचित शाबर मंत्र बहुत ही अल्प संख्या में थे। साथ ही वह किसी कारणवश इस तीव्र प्रभावकारी मंत्र-विद्या का प्रचार-प्रसार भी न कर पाए। 

उनके पश्चात् नवनाथों ने इस महान लोकोपकारी मंत्र-विद्या में जन-कल्याण की अपूर्व भावना का आभास किया, तब उन्होंने ही इस विद्या को जन-साधारण के बीच लोकप्रियता दिलाई। Sabar Mantra की अभूतपूर्व लोकप्रियता को देखते हुए बाद में इनके उगम का स्रोत नवनाथों को ही मान लिया गया।


व्यक्ति के जीवन में शाबर मंत्र के फायदे  

इन मंत्र को फायदा यह है की, ये याद करने मे भी आसन होते है इन्हे अलग से सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं पड़ती वे स्वतः ही सिद्ध होते हैं। इस प्रकार के मंत्रों को केवल कंठस्थ करके ‘भभूति’ बनाकर देने अथवा 'झाड़ा' लगाने से पीड़ित व्यक्ति को फायदा मिल जाता है।    

ऐसे सिद्ध मंत्र मौलिक रूप से ही 'सिद्ध' होते हैं, तथापि उनका यदा-कदा जप करने से उनका स्फुरण बढ़ जाता है और वे और अधिक ऊर्जावान हो जाते हैं। 

शाबर मंत्र के नुकसान 

शाबर मंत्र बड़े ही असरदार होते है इसलिए इनका गलत इस्तेमाल करने पर उस मंत्र के देवता का आप पर बुरा असर देखनेको मिल सकता है, साथ ही साथ यह आपको मानसिक रूप से भी पीड़ा पंहुचा सकता है।  
मंत्रो के बड़े विचित्र प्रयोग भी है इसलिए इनको सावधानी पूर्वक न करनेपर शारीरिक या मानसिक हानी का सामना कर पड़ सकता है।  

शाबर मंत्र सिद्ध करने की विधि  

  •  1. गुरु से ज्ञान तथा दीक्षा अवश्य प्राप्त करें।
  •  2. अपने गुरु एवं परमात्मा पर पूर्ण विश्वास और श्रद्धा रखें।
  •  3. साफ-स्वच्छ, धुले हुए वस्त्रों का उपयोग करें।
  •  4. गुरु के सिवा किसी भी अन्य व्यक्ति से साधना सम्बन्धी कोई बात न करें। 
  •  5. गुरु के छत्र- छाया में ही अनुष्ठान करें। मन एवं शरीर को शुद्ध और पवित्र रखें। 
  •  6. साधना आरम्भ से पूर्व मंत्र को कण्ठस्थ करके जप करें।
  •  7. साधना काल में शुद्ध देसी घी का अखण्ड दीपक जलायें।
  •  8. साधना वाले दिनों में मौन धारण करें। जप के समय क्रोध, लड़ाई, चिंता आदि से बचें।
  •  9. जप काल में झूठ का त्याग अवश्य करें। साधना काल में धूम्रपान या कोई अन्य नशा आदि न करें।
  • 10. जप काल में भोग आदि सामग्री, फल-फूल, मिठाई आदि ताजा एवं शुद्ध होनी चाहिए।
  • 11. साधक साधना में उपयोग की सामग्री (नैवेद्य, भोग) तथा अपना भोजन 'स्वयं तैयार करें।
  • 12. जप के समय जल का जो पात्र समीप में रखे हों, उस पात्र का जल 24 घण्टे बाद किसी वृक्ष पर चढ़ा दें।
  • 13. साधक, अनुष्ठान, जप के बाद भी नियमित मंत्र जप करते रहें।

आसान 9 पुराने असली स्वयं सिद्ध शाबर मंत्र

आपके लिए कुछ महत्पूर्ण शाबर मंत्रो से कुछ मंत्रो को दिया है इन मंत्रो आप सिद्ध कर सकते है

1. साधक के रक्षा हेतु मंत्र    


मंत्र: 
ॐ काली काली महाकाली। इन्द्र की बेटी, ब्रह्मा की साली।
उड़ बैठी पीपल की डाली। दोनों हाथ बजावै ताली।  
जहां जाये वज्र की ताली। वहां न आवे दुश्मन हाली।  
दुहाई कामरू कामाक्षा नैना योगिनी की।  
ईश्वर महादेव गौरा पार्वती की। दुहाई वीर मसान की।   

विधि:
इस मंत्र का सात बार जाप करके तीन बार ताली बजाने से सब प्रकार से रक्षा होती है।  

2. शिव शाबर मंत्र 

इच्छा, सफलता, सिद्धि और मनोकामना प्राप्ति के लिये यह मंत्र  

मंत्र: 
आद अंत धरती आद अंत परमात्मा 
दोनों बिच बैठे शिवजी महात्मा 
खोल घड़ा दे दडा 
देखू शिवजी महाराज तेरे शब्द का तमाशा 

विधि 
यह भगवान शिव का शाबर मंत्र है, यह मंत्र काफी असरदार है। शिव को जल चड़ाने के बाद इस मंत्र का 108 जाप करे कुछ दिन के बाद आपको विचित्र अनुभव होंगे पर अपने घबराना नहीं है और इस तरह 6 महीने तक जाप करनेसे इसकी सिद्दी हो जाएगी।  

3. मंत्र की सिद्धि के लिए 


मंत्र: 
ॐ काली घाटे काली मां। पतित पावनी काली मां। 
जवा फूले। स्थुरी जले। सेई जवा फूल में सीआ बेड़ाए। 
देवीर अनुर्बले। एहि होत करिवजा होड़वे। 
ताही काली धर्मेर । वले काहार आज्ञे राठे। 
काली का चंडीर आसे। 

विधि 
बंगला भाषा में इस भगवती कालिका के शाबरी मंत्र को तीन बार जप कर दायें हाथ पर फूंक मारें और चाहें सो करें, निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।

4. गुरु गोरक्षनाथ गुप्त मंत्र 


मंत्र 
गुरु जी गोरख जाती मछेन्द्र का चेला 
शिव के रूप में दिखे अलबेला 
कानों कुंडल गले में नादी हाथ त्रिशूल नाथ है आदि 
अलख पुरुष को करूँ आदेश जन्म जन्म के काटो कलेश 
भगवा वेश हाथ में खप्पर भैरव शिव का चेला 
जहाँ जहाँ जाऊं नगर डगर लगे वहां फिर मेला 
शिव का धुना गोरख तापे काल कंटक थर थर कांपे 
मेरी रक्षा करे नव नाथ राम दूत हनुमन्त 
रिद्धि सिद्धि आंगन विराजे माई अन्नपूर्णा 
सुखवंत शब्द सांचा पिंड काचा चलो मन्त्र ईश्वरो वाचा 
श्रीनाथजी गुरूजी को आदेश आदेश आदेश 

विधि 
ये दिव्य शाबरी मंत्र है आज तक दुर्लभरहा है गुरु शिष्य परम्परा मै आगे आने वाला गुप्त मंत्र है कोई भी काम करते वक़्त 11 बार जप करे।

5. माँ काली रक्षा मन्त्र 


मंत्र 
ॐ कलिका खड्ग खप्पर लिए ठाडी ज्योत तेरी है।
निराली पीती भर भर रक्त प्याली कर भक्तो की रखवाली 
ना कर रक्षा तो महाकाल भैरव की दुहाई।। 

विधि 
इस मंत्र को नवरात्री में प्रतिरात्री अपने समर्थ अनुसार जप करे । सामग्री गूगल धुप, सरसो के तेल का खड़ी बत्ती का दीपक, भोग में मिष्ठान या खीर, रक्त पुष्प यानि लाल फूल, माँ काली की सौम्य मुद्रा की फोटो। 

उसके उपरांत जप अपनी नित्य पूजा में 11, 21, 27 या 54 बार करे । ये हर प्रकार से रक्षा करने में सामर्थ्य है। अगर कोई अनुभव हो तो आसान ना छोड़े ना ही घावराए। जप पूर्ण करे । 9 दिन का संकल्प ले कि प्रतिरात्री इतना जप करूँगा, करुँगी । 

संकल्प हेतु जल हाँथ में ले कर अपना नाम बोले जप संख्या बोले फिर जल जमीन पर छोड़ दे। उसके बाद माँ से अनुमति और जप पूर्ण होने की प्राथना करे । जप से पहले गुरु मन्त्र, गणपति मन्त्र का जप अवश्य करे ।

6. मोहन तेल


मंत्र:
ॐ नमो मोहिनी रानी। सिंहासन बैठी मोह रही दरबार। 
मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति। दुहाई गौरा पार्वती की। 
बजरंग बली की आन। नहीं तो लोना चमारी की आन लगे। 

विधि 
चमेली के तेल पर अंगुली लगा करके इस मंत्र को सात बार जपें और फिर माथे पर इसी तेल की अंगुली लगा लें तो जो देखे सो मोहित हो।

7. वशीकरण तिलक 


मंत्र 
ॐ नमो आदेश गुरु को। 
राजा मोहूं,  प्रजा मोहुं,  मोहं ब्राह्मण बनियां,  
हनुमन्त रूप में जगत मोहुं,  तो रामचन्द्र परमाणियां,  
गुरु की शक्ति,  मेरी भक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरोवाचा। 

विधि 
शनिवार के दिन सिन्दूरी हनुमान जी की प्रतिमा का पूजन करें और मूर्ति को सिन्दूर का चोला चढ़ाएं। इसके बाद एक माला का जाप करें। यह जाप 21 दिन तक करें। जब आवश्यकता हो, यह मंत्र जपते हुए किसी चौराहे से मिट्टी उठा लें और लगाकर अभिलाषित व्यक्ति के समक्ष जाएं तो वह अवश्य आज्ञा पालन करने लगेगा। 

8. कामनासिद्धि मंत्र  

मंत्र 
कामः कामप्रदः कान्तः कामपालस्तथा 
हरिः आनन्दो माधवश्चैव कामसं- सिद्धये जपेत्। 

विधि 
अभीष्ट कामना की सिद्धि के लिए उपरोक्त मंत्र का नियमित १०८ बार जप करना चाहिए। २१ दिनों के पश्चात् लाभ नजर आने लगेगा; परन्तु जप एकाग्रचित होकर नहीं करने पर कोई भी लाभ प्राप्त नहीं होगा।

9. दरिद्रता-हरण मंत्र  


मंत्र 
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। 
कामद धन दारिद दवारि के।। 

विधि 
इस मन्त्र का जप भी प्रातःकाल स्नानादि से निवृत्त होकर किया जाता है। ज प्रतिदिन 108 बार किया जाता है । 90 दिन के जप के बाद साधक इसे 21 बार जप सकते हैं। दरिद्रता दूर करने में यह सहायक मंत्र है।
 

वास्तव में Shabar Mantra काफी सरल और असान होते है। इन शाबर मंत्रो का आप सही से जाप करते है तो आपको शाबर मंत्रो की सिद्धि असानि से मिल सकती है। 

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GURUDEV SANTOSH TRIPATHI

आम इंसान की समस्‍याओं और चिंताओं की नब्‍ज पकड़कर बाजार में बैठे फर्जी बाबा और ढोंगी लोग ज्‍योतिष के नाम पर ठगी के लिए इस प्रकार के दावे करते हैं। ज्‍योतिष विषय अपने स्‍तर पर ऐसा कोई दावा नहीं करता।

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