बजरंग बाण पाठ के लाभ(Benifit of Bajrang Baan)

                         

                    

                                    आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुर लोका॥
                               जाय विभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥

बाग उजारि सिन्धु महँ बोरा। अति आतुर यम कातर तोरा॥
अक्षय कुमार को मारि संहारा। लूम लपेट लंक को जारा॥

लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर में भई॥
अब विलम्ब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अन्तर्यामी॥

जय जय लखन प्राण के दाता। आतुर होय दुःख हरहु निपाता॥
जय गिरिधर जय जय सुख सागर। सुर समूह समरथ भटनागर॥

ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो। महाराज प्रभु दास उबारो॥

ओंकार हुँकार महाप्रभु धावो। बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो॥
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा। ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा॥

सत्य होहु हरि शपथ पायके। रामदूत धरु मारु जाय के॥
जय जय जय हनुमन्त अगाधा। दुःख पावत जन केहि अपराधा॥

पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत हौं दास तुम्हारा॥
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं॥

पांय परौं कर जोरि मनावौं। येहि अवसर अब केहि गोहरावौं॥
जय अंजनि कुमार बलवन्ता। शंकर सुवन वीर हनुमन्ता॥

बदन कराल काल कुल घालक। राम सहाय सदा प्रति पालक॥
भूत, प्रेत, पिशाच, निशाचर। अग्नि बेताल काल मारी मर॥

इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की। राखउ नाथ मरजाद नाम की॥
जनकसुता हरि दास कहावो। ताकी शपथ विलम्ब ना लावो॥

जय जय जय धुनि होत अकासा। सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा॥
चरण शरण कर जोरि मनावौं। यहि अवसर अब केहि गोहरावौं॥

उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई। पांय परौं कर जोरि मनाई॥
ॐ चँ चँ चँ चँ चपत चलंता। ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता॥

ऊँ हँ हँ हाँक देत कपि चंचल। ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल॥
अपने जन को तुरत उबारो। सुमिरत होय आनन्द हमारो॥

यह बजरंग बाण जेहि मारै। ताहि कहो फिर कौन उबारै॥
पाठ करै बजरंग बाण की। हनुमंत रक्षा करैं प्राण की॥

यह बजरंग बाण जो जापै। ताते भूत-प्रेत सब काँपै॥
धूप देय अरु जपै हमेशा। ताके तन नहिं रहै कलेशा॥

॥ दोहा ॥

प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥


                   बजरंग बाण पाठ के लाभ  

                                 कार्य सिद्धि के लिए करें ये पाठ

बजरंग बाण क्या है ? (What is Bajrang Baan)


भगवान हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है। कहते हैं जब भी कोई विपदा आती है तो हनुमान जी उसे दूर कर देते हैं। वैसे तो हनुमानजी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा या सुंदरकांड ही काफी होता है, लेकिन जब किसी विशेष कार्य को सिद्ध करना होता है तो बजरंग बाण का पाठ किया जाता है। बजरंग बाण का पाठ बहुत ही शक्तिशाली माना जाता है। बाण का अर्थ होता है निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करना। कहा जाता है कि बजरंग बाण का पाठ तभी करना चाहिए जब सभी परिस्थितियां आपके खिलाफ हो जाए और कोई हल नजर न आ रहा हो। ऐसे में निसम से इस पाठ को करने से हनुमान जी की विशेष कृपा मिलती है और जल्द परिणाम मिलता है।


बजरंग बाण किसने और क्यों लिखा ? (Who wrote Bajrang Baan and why? )


कहा जाता है कि हनुमान चालीसा की तरह बजरंग बाण भी गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा था। कहते हैं कि एक बार काशी (वाराणसी) में किसी तांत्रिक ने तुलसीदास जी पर मारण मंत्र का प्रयोग किया, जिसके बाद उनके शरीर पर बड़े-बड़े फोड़े निकल आए थे। पीड़ा में तुलसीदास जी ने बजरंग बाण का पाठ किया और हनुमान जी से जीवन रक्षा की गुहार लगाई। पाठ के एक ​दिन बाद ही तुलसीदास जी के शरीर पर निकले सारे फोड़े ठीक हो गए। तभी से बजरंग बाण को शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए सबसे शक्तिशाली पाठ माना जाता है।


बजरंग बाण पाठ का महत्व (Importance of Bajrang Baan)


हनुमान जी की आराधना कर जल्द से जल्द आशीर्वाद पाने के लिए बजरंग बाण को सबसे अचूक उपाय माना जाता है। हनुमान चालीसा की तरह बजरंग बाण का पाठ रोजाना नहीं किया जाता, इसका उद्देश्य किसी विशेष कार्य की सिद्धि के लिए ही है। प्रभु श्रीराम के परम भक्त होने के नाते बजरंग बाण में मुख्य रूप से भगवान राम की भी सौगंध दी गई है। माना जाता है कि जब भी आप श्रीराम की सौगंध लेंगें, तो हनुमान जी आपकी मदद के लिए जरूर आएंगे।

मंगलवार के दिन सुबह के समय स्नान करने के बाद ही बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए। ध्यान रखें कि पाठ करते समय शब्दों का उच्चारण साफ और स्पष्ट हो। विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए किए जाने वाले इस पाठ को कम से कम 41 दिनों तक नियमपूर्वक करें। इन दिनों के दौरान विशेष रूप से लाल रंग का कपड़ा पहनें।


बजरंग बाण पाठ के 10 लाभ (10 Benefits of Bajrang Baan)


1.बजरंग बाण के पाठ से मन से किसी भी प्रकार का भय दूर हो जाता है।


2.अगर आप किसी प्रकार के रोग से ग्रसित हैं तो माना जाता है कि इसका पाठ करने से वह रोग ठीक हो जाता है।


3.कुंडली में किसी भी प्रकार के दोष से इस पाठ के द्वारा छुटकारा पाया जा सकता है।


4.कार्य में आ रही किसी भी प्रकार की बाधा को दूर करने और उसमें सफलता प्राप्त करने के लिए इसका पाठ           किया जाता है।


5.दुश्मनों पर जीत हासिल करने के लिए इस पाठ को अचूक उपाय माना जाता है।


6.कुंडली में मांगलिक दोष होने के कारण विवाह होने में काफी समस्या आती है। माना जाता है कि नियमित रूप से     मंगलवार को बजरंग बाण का पाठ करने से विवाह के बीच आ रही सभी अरचन दूर हो जाती है।


7.इंसान को वास्तुदोष की वजह से जीवन में कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। घर में पंचमुखी हनुमान        जी की मूर्ति स्थापित करके बजरंग बाण का पाठ करने से वास्तुदोष से मुक्त हो सकते हैं।


8.अपने घर का सपना पूरा करने के लिए भी यह पाठ किया जाता है।


9 नौकरी पाने की कामना के लिए भी यह पाठ सहायक होता है। हालांकि, इस पाठ के साथ आपको कर्म भी करना     पड़ेगा।


10.शनि की दशा के कारण कोई भी कार्य संभव नहीं हो पाता तो इस पाठ का प्रयोग कर सकते हैं।


बजरंग बाण पाठ में न करें ये गलती (Do not make these mistake while reciting Bajrang Baan)


  • जितने दिनों तक बजरंग बाण का पाठ करें उतने दिन ब्रहम्चर्य का पालन करना न भूलें।
  • बजरंग पाठ के दिनों में नशा व तामसिक चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
  • किसी का बुरा करने की कामना के साथ यह पाठ नहीं करना चाहिए।
  • अनैतिक कार्य की पूर्ति या विवाद की स्थिति में विजय हासिल करने के लिए बजरंग बाण के पाठ का प्रयोग न करें।
  • बिना कर्म के इस पाठ के जरिये किसी कार्य में सफलता हासिल करने के लिए यह पाठ न करें।
  • धन, ऐश्वर्य या भौतिक इच्छा की पूर्ति के लिए भी बजरंग बाण का पाठ नहीं करना चाहिए।

बजरंग बाण और उसके तीव्र प्रभाव का कारण (Bajrang Baan)

हनुमान एक हिंदू देवता हैं जिन्हें सात सप्त चिरंजीवी में से एक माना जाता है- देवताओं का एक समूह जो कभी नहीं मरेगा। उनके बारे में कई किंवदंतियाँ हैं, जिनमें यह भी शामिल है कि कैसे उन्होंने भगवान राम को रावण की कैद से छुड़ाने में मदद की। उन्हें रुद्रावतार के नाम से भी जाना जाता है- जो शनि के प्रभाव को नियंत्रित कर सकते हैं।
जब लोग हनुमान की पूजा करते हैं, तो वे अक्सर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करते हैं। ये दो सबसे लोकप्रिय प्रार्थनाएँ हैं, और इनका प्रभाव अन्य तरीकों से भी दिखाई देता है। इनके अलावा और भी कई उपाय और पाठ हनुमान जी की कृपा पाने और लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए बनाए गए हैं। इनमें से कुछ पाठ बहुत प्रभावी होते हैं, और इन्हें बजरंग बाण और हनुमान बाहुक कहा जाता है।
बजरंग बाण एक ऐसा प्रार्थना पाठ है जो हनुमान चालीसा से भी अधिक प्रभावशाली है। यह किसी के जीवन से बाधाओं और समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, खासकर अगर वे बुरी आत्माओं या ग्रह संरेखण समस्याओं जैसी चीजों का सामना कर रहे हों। पाठ का नाम हिंदू देवता बजरंग के नाम पर रखा गया है, जो अपनी शक्ति और शक्ति के लिए जाने जाते हैं। पाठ को और अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए, लोग बजरंग को अपने जीवन से समस्याओं को दूर करने में मदद करने की शपथ लेते हैं।
जब कोई ईश्वर की शपथ लेता है, तो वे अधिक आत्मविश्वास महसूस कर सकते हैं और समस्याओं को हल करने की अधिक शक्ति प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि वे ईश्वर से जुड़े होते हैं। इससे उन्हें अपने लक्ष्यों में सफल होने में मदद मिल सकती है। इसी प्रकार जब कोई शाबर मंत्र का जाप करता है तो उसे आंतरिक शक्ति और सफलता का आभास होता है।
पृथ्वी की सतह पर मौजूद देवता और अन्य शक्तियां किसी से जुड़कर उसकी मदद करने की कोशिश करती हैं। यदि कोई गलती करता है, हालांकि, देवता और अन्य शक्तियां उसे माफ नहीं करेंगी।
जितना अधिक आप देवता को मजबूर करने या नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं, उतनी ही अधिक संभावना है कि वे हानिकारक तरीके से प्रतिक्रिया करेंगे। जब कोई वैदिक परंपरा से है, या सनातन विश्वास प्रणाली का पालन करता है, तो वे शपथ लेने की इस पद्धति को अच्छा नहीं मान सकते हैं, लेकिन यह उस समय बनाया गया था जब समुदाय संकट में था और यह मंत्र प्रभावी माना जाता था .
शाबर मंत्रों में किसी भी देवता का आवाहन किया जा सकता है, इसलिए शपथ ली जा सकती है। यह प्रार्थना करने के अन्य तरीकों से अलग है, और हनुमान की अधिकतम शक्ति प्राप्त करने के लिए बजरंग बाण में इसका उपयोग किया जाता है।

यह तकनीक अच्छी तरह से काम करती है और आपको अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकती है, लेकिन आपको सावधान रहने और संतुलित रहने की आवश्यकता है। शाबर मंत्रों की तरह ही बजरंग बाण में सकारात्मक ऊर्जा देने वाली शक्तियां आपकी मदद कर सकती हैं।

21 दिन तक 21 बार बजरंग बाण के पाठ करने से आपकी हर बाधा दूर होती है। अगर मुमकिन हो तो पहले हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। उसके बाद संकट मोचन हनुमानअष्टक का पाठ करके फिर बजरंग बाण पढ़ना चाहिए। इससे आपको तुरंत लाभ देखने को मिलता है साथ ही मन को शांति भी मिलती हैं।


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GURUDEV SANTOSH TRIPATHI

आम इंसान की समस्‍याओं और चिंताओं की नब्‍ज पकड़कर बाजार में बैठे फर्जी बाबा और ढोंगी लोग ज्‍योतिष के नाम पर ठगी के लिए इस प्रकार के दावे करते हैं। ज्‍योतिष विषय अपने स्‍तर पर ऐसा कोई दावा नहीं करता।

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