क्या होता है सूतक काल, इस दौरान क्या करें और क्या ना करें?
जब भी ग्रहण लगने वाला होता है तो उससे पहले के कुछ घंटे अशुभ माने जाते हैं क्योंकि उस दौरान व्यक्ति के आसपास नकारात्मकता (नकारात्मक ऊर्जा हटाने के उपाय) सबसे ज्यादा और अपने चरम पर होती है। यही समय सूतक काल कहलाता है। जब सूर्य ग्रहण लगता है तो उससे 12 घंटे पहले से सूतक लग जाते हैं और जब चंद्र ग्रहण लगता है तब 9 घंटे पहले से सूतक मान्य हो जाते हैं।सूतक काल में क्या करें?
ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए कुछ खास मंत्रों का सहारा ले सकते हैं. सूतक काल से लेकर चंद्र ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप करना चंद्र ग्रहण के बुरे असर से बचाएगा. साथ ही देवी-देवताओं की कृपा भी होगी.
- चंद्र ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना सबसे शुभ माना गया है. ये दोनों बेहद ताकतवर हैं और ग्रहण के दौरान पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव से रक्षा करते हैं. साथ ही ग्रहण के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाव करते हैं.
- चंद्र ग्रहण के दौरान वैभव लक्ष्मी के मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः' का108 बार जाप करना भी बहुत लाभ देगा. यह मंत्र मां लक्ष्मी की कृपा दिलाता है.
- चंद्र ग्रहण के दौरान माता बगलामुखी के मंत्र 'ॐ ह्री बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय' का जाप करना भी शुभ होता है.