क्या होता है सूतक काल, इस दौरान क्या करें और क्या ना करें?
जब भी ग्रहण लगने वाला होता है तो उससे पहले के कुछ घंटे अशुभ माने जाते हैं क्योंकि उस दौरान व्यक्ति के आसपास नकारात्मकता (नकारात्मक ऊर्जा हटाने के उपाय) सबसे ज्यादा और अपने चरम पर होती है। यही समय सूतक काल कहलाता है। जब सूर्य ग्रहण लगता है तो उससे 12 घंटे पहले से सूतक लग जाते हैं और जब चंद्र ग्रहण लगता है तब 9 घंटे पहले से सूतक मान्य हो जाते हैं। सूतक काल में क्या ना करें?
1. सूतक काल में पूजा-पाठ बिल्कुल ना करें। घर में भगवान का कमरा बंद कर दें।
2. इस दौरान खाना ना बनाए।
3. सूतक काल में कोई भी नया काम ना करें और ना ही नए चीजों का इस्तेमाल करें।
4. दिमाग में नकारात्मक ना रखें। इस दौरान भगवान का नाम जप करें।
5. सूतक काल में गर्भवती महिलाएं घर से बाहर ना निकलें।
6. प्रेगनेंट महिलाएं सिलाई कढ़ाई का भी काम ना करें।
7. सूतक लगने के बाद अपने पास कोई धाराधर हथियार, कैंची, चाकू और ब्लेड जैसी चीजें अपने पास ना रखें।
सूतक काल में क्या करें?
1. सूतक काल में किसी भी मंत्र का जाप करें। या फिर योग और ध्यान करें।
2. सूतक लगने से पहले खानों पर तुलसी का पत्ता रखें।
3. सूतक लगने पर वही खाना खाए, जिसपर सूतक से पहले तुलसी का पत्ता डाला गया हो।
4. सूतक काल के दौरान मानसिक पूजा करें।
5. सूतक काल के दौरान मंत्रों का जाप करें।
6. सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाएं अपने पास नारियल रखें।
7. सूतक काल के दौरान गर्भवती महिलाएं पेट पर गेरू लगाएं।
8. सूतक काल के दौरान बीमार या बुजुर्ग की सेवा अवश्य करें।
9. सूतक काल के दौरान बच्चों से अपने इष्ट देव या देवी के मंत्रों का जाप करवाएं।
10.सूतक काल के दौरान धारदार वस्तु जैसे चाकू, केंची आदि का प्रयोग न करें।
ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचाएंगे ये मंत्र
ग्रहण के दुष्प्रभावों से बचने के लिए कुछ खास मंत्रों का सहारा ले सकते हैं. सूतक काल से लेकर चंद्र ग्रहण के दौरान इन मंत्रों का जाप करना चंद्र ग्रहण के बुरे असर से बचाएगा. साथ ही देवी-देवताओं की कृपा भी होगी.
- चंद्र ग्रहण के दौरान गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना सबसे शुभ माना गया है. ये दोनों बेहद ताकतवर हैं और ग्रहण के दौरान पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव से रक्षा करते हैं. साथ ही ग्रहण के दौरान होने वाली समस्याओं से बचाव करते हैं.
- चंद्र ग्रहण के दौरान वैभव लक्ष्मी के मंत्र 'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः' का108 बार जाप करना भी बहुत लाभ देगा. यह मंत्र मां लक्ष्मी की कृपा दिलाता है.
- चंद्र ग्रहण के दौरान माता बगलामुखी के मंत्र 'ॐ ह्री बगलामुखी सर्व दुष्टानाम वाचं मुखम पदम् स्तम्भय' का जाप करना भी शुभ होता है.
इसके अलावा चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्र देव के मंत्र 'ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः' का जाप करने से चंद्र दोष का प्रभाव कम होता है. साथ ही चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव से भी बचाव होता है.
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