दीपावली कब है 2024 शुभ मुहूर्त: Deepawali Date 2024 Shubh MuhuratV
31 अक्टूबर 2024 को लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 36 मिनट से रात 6 बजकर 11 मिनट तक रहेगा। तो वहीं दिल्ली के समयानुसार वृषभ लग्न शाम 06:25 से लेकर रात को 8:20 तक रहेगालक्ष्मी पूजा 2024 शुभ मुहूर्त: Diwali Laxmi Puja Shubh Muhurat 2024
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04 बजकर 49 मिनट से लेकर से 05 बजकर 41 मिनट तक।विजय मुहूर्त- दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से लेकर 02 बजकर 39 मिनट तक।
प्रदोष काल- शाम 05 बजकर 36 मिनट से लेकर 08 बजकर 11 मिनट तक।
लक्ष्मी पूजा का समय- शाम 06 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 20 मिनट तक।
31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:36 से लेकर 8:11 तक रहेगा। इस मुहूर्त में मां लक्ष्मी की उपासना बेहद शुभ फलदायी साबित होगी।
दिवाली के दिन किसी पूजा होती है
दिवाली के दिन मुख्य रूप से माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके अलावा इस दिन भगवान गणेश और राम दरबार की पूजा होती है।दिवाली लक्ष्मी पूजन मंत्र: Diwali Laxmi Pujan Mantra
ऊं अपवित्र: पवित्रोवा सर्वावस्थां गतोऽपिवा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स बाह्याभ्यन्तर: शुचि:॥”सुख-समृद्धि के लिए - ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मी नमः
श्री लक्ष्मी महामंत्र - ऊँ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा.
सफलता के लिए - ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
धन प्राप्ति के लिए - ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः
धनतेरस पूजा सामग्री लिस्ट (Dhanteras Puja Samagri List In Hindi)
- भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की तस्वीर
- लकड़ी की चौकी
- चौकी पर बिछाने के लिए लाल या पीले रंग के कपड़े
- गंगा जल
- 13 दिए
- दिए में जलाने के लिए एक पैकेट रूई
- पूजा के लिए एक थाली
- पानी से भरा कलश
- मौलवी
- हल्दी
- अक्षत
- घी
- माचिस
- शक्कर या गुढ़
- कपूर
- धूप
- अगरबत्ती
दीवाली पूजन सामग्री list

दीवाली कार्तिक के महीने में मनाई जाती है। ऐसे में हमें भगवान् गणेश व माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनका विधि- विधान से पूजन करना चाहिए। दीवाली पूजन करने के लिए हमें बहुत पसंद है पूजन सामग्री इकट्ठा करनी होती है। इसकी तैयारी एडवांस में करना ही ठीक होगा. तो आईये जानते हैं पूजा में प्रयोग होने वाले सभी सामग्री को.
दीवाली पूजन सामाग्री list
1- लकड़ी की चौकी
2- लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति
3- पीला या लाल कपड़ा
4- अक्षत
5- चंदन
6- सिंदूर
7- कुमकुम
8- कलावा
9- हल्दी
10- अष्टगंध
11- दूर्वा
12- कपूर
13- नारियल
14- चुनरी
15- बताशे
16- गट्टे
17- चीनी के खिलौने हाथी, घोड़े आदि
18- मिठाई
19- फूल
20- फल
21- धान का लावा
22- मिट्टी का दिया
23- रुई की बत्ती
24- घी
25- तेल
26-माचिस
27- पान का पत्ता
28- चांदी का सिक्का
29- इत्र
30- धूप
31- अगरबती
32- पंचामृत
33- साबुत धनिया
34- लौंग
35- इलायची
36- शंख
37- गंगा जल
38- नारियल के लड्डू
39- जनेव
40- आम का पल्लव
41- कमलगट्टा
42- कमल के फूल
43- आरती के लिए दीपक
44- फूल का लोटा
45- भगवान् गणेश व माँ लक्ष्मी की पूजन की किताब
46- द्रव्य भगवान् को चढ़ाने के लिए
47- सुपारी
48- सूप
49- बही खाता
50- कलम
51- झाड़ू
52- गुड़
Laxmi Ji Ki Aarti: लक्ष्मी जी की आरती
ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।तुमको निशिदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
दुर्गा रुप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम पाताल-निवासिनि, तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी, भवनिधि की त्राता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता, मन नहीं घबराता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव, सब तुमसे आता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता।
रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई जन गाता।
उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता॥
ओम जय लक्ष्मी माता॥
सब बोलो लक्ष्मी माता की जय, लक्ष्मी नारायण की जय।
गणेश जी की कहानी (Ganesh Ji Ki Kahani)
एक बुढ़िया अपने बेटे-बहू के साथ छोड़े से घर में रहती थी। बुढ़िया माई हर रोज़ गणेश जी की विधि विधान पूजा करती थी। गणेश जी रोजाना बुढ़िया से कहते- बुढ़िया माई! कुछ मांग ले। बुढ़िया कहती- मैं क्या मांगू? तब एक दिन गणेश जी बोले- अपने बेटे से पूछ ले कि उसे क्या चाहिए। तो बेटा बोला- मां! धन मांग ले। बहू से पूछने लगी तो बहू ने पोता मांगने की बात कही। बुढ़िया ने सोचा कि ये दोनों तो अपने मतलब की मांग रहे हैं सो पड़ोसन से जाकर पूछें। फिर वह पड़ोसन से जाकर बोली कि वो क्या मांगे। तो पड़ोसन बोली- पगली! क्यों तो धन मांगे? क्यों पोता मांगे? थोड़े ही दिन की जिंदगी बची है। इसलिए तू अपनी सुन्दर काया मांग ले। घर आकर बुढ़िया सोचने लगी कि ऐसी चीज मांगनी चाहिए जिसस बेटा-बहू भी खुश हों। दूसरे दिन गणेशजी जी फिर आकर बोले- बुढ़िया माई! कुछ मांग लो। बुढ़िया ने कहा- मुझे सुन्दर काया दे, सोने के कटोरे में पोते को दूध पीता देखूं, अमर सुहाग दे, निरोगी काया दे, भाई दे, भतीजे दे, सारा परिवार दे, सुख दे, मोक्ष दे। बुढ़िया के मुख से ये बातें सुनकर गणेशजी ने कहा- बुढ़िया माई! तूने तो मुझे ठग लिया। लेकिन अब जैसा बोला है वैसा ही हो जायेगा और गणेशजी ने बुढ़िया को वरदान दे दिया। अब बुढ़िया माई के यहां सब कुछ वैसा ही हो गया। हे गणेशजी महाराज! जैसा बुढ़िया माई को सबकुछ दिया वैसा सब किसी को देना।सभी प्रकार की ज्योतिषीय और आध्यात्मिक समस्याओं के लिए सम्पर्क करें
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