सर्वप्रथम तो जीवन में एक गुरु होना चाहिए जो की आपकी यात्रा को सुगम बना सकता है। आप ग़लत दिशा में जा रहे हों तो आपका मार्गदर्शन एक गुरु ही करता है।
मूलाधार के बारे में कुछ बातें जान लें:
- मैं यह मानकर चलता हूँ की आप ध्यान तो करते ही होंगे या ध्यान के विषय में थोड़ा बहुत तो जानते ही होंगे।
- पहले तो यह जान लेते हैं की मूलाधार आख़िर कहाँ स्थित है।
- जहाँ हमारी रीढ़ की हड्डी समाप्त होती है वहाँ बिलकुल अंत में स्थित होता है मूलाधार चक्र।
- यह प्रथम चक्र होता है।
- इंग्लिश में इसे रूट चक्र कहते हैं।
- इसका सम्बन्ध भौतिक जगत से है।
- मूलाधार चक्र हमें स्थिरता देता है, सुरक्षा प्रदान करता है और हमारी आधारभूत ज़रूरतों को पूरी करने में मदद करता है।
- मूलाधार चक्र का संतुलन बिगड़ता है तो हमें असुरक्षा की भावना, ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
- इस चक्र का रंग लाल होता है।
- इस चक्र का मंत्र है लं । इसका उच्चारण होगा … लम
मूलाधार चक्र जागृत करने का आसान तरीक़ा:
किसी एकांत स्थान पर जहाँ कोई बाधा ना डाल सके आरामदेह मुद्रा में बैठ जायें।ध्यान रहे रीढ़ सीधी हो।आँखे बंद कर लें।
अगर आपने कभी ध्यान का अभ्यास नहीं किया हो तो पहले तीन से सात दिन तक अपने साँसो को देखें। सारा ध्यान साँसों पर हो। देखिए साँस आ रही है , साँस जा रही है। तीस से पंतालिस मिनट तक सिर्फ़ साँसो के आवागमन पर ही ध्यान देना है। इस से धीरे धीरे आपका ध्यान लगना शुरू हो जाएगा। आपका मन आपको साँसो पर ध्यान नहीं लगने देगा। आपको बिना बात की बातें याद आयेंगी और साँसो पर ध्यान को छोड़कर आप उन बातों को सोचने लग जाएगे।आपको यह करना है की उन बातों में रस नही लेना है। बस देखा की मन ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है और वापिस साँसों पर ध्यान को ले आना है।
सात दिन के अभ्यास के बाद आपको ध्यान मूलाधार चक्र पर लगाना है जो की पहले भी बताया की रीढ़ की हड्डी के अंत में स्थित है। आँखे बंद ..सारा ध्यान मूलाधार पर और साथ में मुँह से मूलाधार चक्र के मंत्र का उच्चारण करना है ….. लम …लम …..लम। इसमें म को लम्बा खिचना है लम म्मम्मम्मम्म ।मंत्र जाप करते वक़्त ध्यान सारा मूलाधार चक्र पर रखें।शुरू हर रोज़ कम से कम तीस मिनट करें। बाद में एक घंटे तक ले कर जायें। सुखद अनुभूति होगी और जीवन में कम ही सही पर बदलाव ज़रूर आएगा। आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा लेकिन आपको घमंड नहीं करना है। अगर घमंड किया तो वही आपको विपरीत परिणाम मिलने लग जाएगें। विपरीत परिणाम मूलाधार की वजह से नही आपके घमंड की वजह से मिलेंगे ।
आपको क्या क्या अनुभूति होगी यह मैं नही बताऊँगा क्योंकि आप फिर उसी अनुभूति की खोज में लग जाएगें। स्वयं महसूस करें की कुछ दिन के बाद आपको क्या क्या अनुभूति होती हैं। ध्यान करते वक़्त भी और सामान्य जीवन में भी।
यही था मूलाधार जागरण का आसान तरीक़ा।अगर गुरु हो तो शक्तिपात से आपके मूलाधार की प्रारम्भिक अवस्था में जागृत कर सकते हैं और फिर आप अभ्यास से आगे बढ़ते जाते हैं। बिना गुरु के समय अधिक लग जाएगा ।
सभी प्रकार की ज्योतिषीय और आध्यात्मिक समस्याओं के लिए सम्पर्क करें
#ॐ शिव गोरक्ष माँ कालका धाम
whatsapp 9999193249
जय माता दी
जय माता दी
जय माता दी
जय माता दी
जय माता दी
▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬