कलश का गिरना शुभ या अशुभ

 

कलश का गिरना शुभ या अशुभ / घर में कलश स्थापना कैसे करें




कलश का गिरना शुभ या अशुभ / घर में कलश स्थापना कैसे करें – आमतौर पर हमारे किसी भी शुभ प्रसंग में कलश की स्थापना की जाती हैं. कलश में पानी भरकर उसपर नारियल आदि की स्थापना भी की जाती हैं. जैसे की हमने कोई नया मकान लिया फिर शादी जैसे मौके पर कलश के द्वारा ही सभी शुभ कार्य किए जाते हैं.

लेकिन कुछ बार कलश की स्थापना करते समय या कलश से कुछ शुभ कार्य करते समय कलश गिर जाता हैं. यह हमारे लिए शुभ माना जाता है या फिर अशुभ माना जाता है. इसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा. अगर आप भी कलश का गिरना शुभ या अशुभ यह जानना चाहते हैं. तो यह आर्टिकल पूरा पढ़े.

कलश का गिरना शुभ या अशुभ

वैसे तो किसी भी शुभ मुहूर्त पर पूजा से संबंधित कोई वस्तु गिर जाती है. तो यह अशुभ माना जाता हैं. जैसे की पूजा की थाली अगर हमारे हाथ से गिर जाती है. तो यह हमारे लिए अशुभ माना जाता हैं. इसी प्रकार कलश का उपयोग भी हम पूजा के दौरान करते हैं. ऐसे में अगर कलश गिर जाता हैं. तो यह हमारे लिए अशुभ माना जाता हैं.

ऐसे में ज्यादा कुछ अशुभ होने की संभावना तो नहीं बनती हैं. लेकिन कोई छोटी-मोटी समस्या जरुर आ सकती हैं. 


घर में कलश स्थापना कैसे करें

घर में कलश स्थापना करने की पूरी विधि हमने नीचे बताई है.

  • सबसे पहले अच्छे से धोया हुआ कलश लीजिए. अब कलश की गर्दन पर एक मौली बांध दीजिए.
  • मौली बांधने के बाद कलश पर कुम-कुम का तिलक लगा दीजिए.
  • इसके बाद कलश में गंगा जल भरिए.
  • अब कलश के पानी में अक्षत चावल, इत्र, सिक्के, सुपारी तथा दूर्वा घास आदि भी डाल दीजिए.
  • अब इस कलश की छोर पर पांच अशोक के पत्ते रख दे.
  • अब आप कलश पर लाल चुनरी में लपेटा हुआ नारियल रख दे.
  • आप चाहे तो लाल चुनरी में कुछ नारियल के साथ कुछ पैसे भी लपेट सकते हैं.
  • चुनरी से लपेटे हुए नारियल को रक्षा सूत्र बांधकर ही नारियल पर रखे

कलश के नारियल का क्या करना चाहिए

कलश का नारियल आप किसी भी पवित्र नदी के बहते हुए पानी में बहा सकते हैं.

कलश स्थापना किस दिशा में करें

कलश की स्थापना करने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा सबसे अच्छी और पवित्र मानी जाती हैं. जब भी आप कलश की स्थापना करे. कलश का मुंह उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ रहे इसका खास ध्यान रखे. अगर आपको उत्तर-पूर्व दिशा नहीं मिल रही है. तो आप उत्तर या पूर्व इन दोनों दिशा में से किसी एक दिशा का कलश स्थापना के लिए चुनाव कर सकते हैं.

कलश में क्या डालना चाहिए

कलश में आप गंगाजल भरकर सुपारी, एक या दो रूपये के सिक्के, अक्षत चावल, इत्र, फुल, दूर्वा घास आदि डाल सकते हैं.

कलश का गिरना तो अशुभ माना जाता ही हैं. लेकिन कुछ ऐसी चीज़े और वस्तु और भी है. जिसका गिरना अशुभ माना जाता हैं. जिसके बारे में हमने नीचे बताया हैं.

इन वस्तुओं का हाथ से गिर जाना हमें देता है अशुभ संकेत

  • पानी से भरा हुआ गिलास अगर हमारे हाथ से गिर जाता है. तो यह अशुभ माना जाता हैं.
  • अगर खाने वाला तेल हमारे हाथ से नीचे गिर जाता है. तो यह हमारे लिए अशुभ माना जाता है.
  • अगर सिंदूर या सिंदूर की डिब्बी हमारे हाथ से गिर जाती है. तो यह भी हमारे लिए अशुभ माना जाता है.
  • अगर पूजा करते समय पूजा की थाली हमारे हाथ से गिर जाए. तो यह अशुभ माना जाता है.
  • अगर काली मिर्च हमारे हाथ से घर में बिखर जाए. तो यह अशुभ माना जाता हैं.
  • अगर पर्स से रूपये गिर जाए. तो यह हमारे लिए अशुभ माना जाता हैं.

कलश पर नारियल रखने का महत्व

हिन्दू सनातन धर्म में कोई भी धार्मिक या शुभ कार्य करने से पहले कलश की स्थापना करते हैं. और कलश पर नारियल रखा जाता हैं. लेकिन शास्त्रों के अनुसार कलश पर नारियल रखना का कुछ अलग ही महत्व होता हैं.

हमारे पुराने शास्त्रों के अनुसार नारियल को भगवान गणेश का प्रतीक माना जाता हैं. इसलिए किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले भगवान गणेश को याद किया जाता हैं. कलश पर नारियल रखकर सबसे पहले नारियल की पूजा पाठ करने से भगवान गणेश जी की पूजा मानी जाती हैं. ऐसा करने से हमारा शुभ कार्य बीना किसी बाधा के पूर्ण हो जाता हैं.

इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है की नारियल में त्रिदेव भगवान शिव, ब्रह्मा और विष्णु का वास होता हैं. इसलिए नारियल की पूजा करने से इन तीनो त्रिदेव की पूजा हो जाती हैं. और त्रिदेव के आशीर्वाद से हमारा कार्य सफलता पूर्वक पूर्ण होता हैं. इसलिए किसी भी शुभ और धार्मिक कार्य करने से पहले कलश पर नारियल स्थापित किया जाता हैं.


नवरात्रि में कलश क्यों स्थापित किया जाता है

हिन्दू सनातन धर्म में नवरात्रि के नौ दिन कलश स्थापित किया जाता हैं. और कलश पर नारियल भी रखा जाता हैं. ऐसा माना जाता है की घर में नवरात्रि के नौ दिन कलश स्थापित करने से हमारे घर में सुख शांति बनी रहती हैं. और दुर्गा माता के आशीर्वाद की प्राप्ति होती हैं.

नवरात्रि के बाद कलश विर्सजन कैसे करे

नवरात्रि में नौ दिन कलश स्थापित करने के बाद दसवें दिन उनको विसर्जन करना पड़ता हैं. जब आप विसर्जन करते हैं. तब कलश के नीचे रखे अक्षत चावल को लेकर अपने घर में छिडक देना चाहिए.

इसके बाद कलश में मौजूद पानी को आम के पत्ते की मदद से पुरे घर में छिडक देना चाहिए. और बचे हुए पानी को तुलसी माता को अर्पित कर देना चाहिए. लेकिन आपको अक्षत चावल और कलश का पानी टॉयलेट और बाथरूम में छिडकने से बचना चाहिए.


कलश के नीचे बचे हुए अक्षत चावल और माता दुर्गा की प्रतिमा को बहते हुए पानी में विसर्जित कर देना चाहिए.

कलश के जल का क्या करें?

कलश स्थापना करने के बाद कलश पूजा की जाती हैं. लेकिन कलश उठाने के बाद कलश के पानी को अपने घर में आम के पत्ते की मदद से छिडक देना चाहिए. लेकिन आपके घर के शौचालय में कलश का पानी नही डालना चाहिए.


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GURUDEV SANTOSH TRIPATHI

आम इंसान की समस्‍याओं और चिंताओं की नब्‍ज पकड़कर बाजार में बैठे फर्जी बाबा और ढोंगी लोग ज्‍योतिष के नाम पर ठगी के लिए इस प्रकार के दावे करते हैं। ज्‍योतिष विषय अपने स्‍तर पर ऐसा कोई दावा नहीं करता।

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