मेहंदीपुर बालाजी के नियम

 


मेहंदीपुर बालाजी के नियम / मेहंदीपुर बालाजी अर्जी लगाने का तरीका



मेहंदीपुर बालाजी के नियम मेहंदीपुर बालाजी अर्जी लगाने का तरीका – भारत विभिन्न सभ्यताओं वाला देश हैं. जहां विभिन्न धर्म और संस्कृति के लोग रहते हैं. इसी कारण भारत देश दुनिया में भी मशहूर माना जाता हैं. भारत में जितने धार्मिक स्थान है शायद ही किसी अन्य देश में इतने धार्मिक स्थान होगे.

आज हम भारत के ऐसे ही एक मशहूर मंदिर के बारे में बात करने वाले हैं. जिसके प्रति यहा के लोग काफी आस्था रखते हैं. आज हम मेहंदीपुर बालाजी के बारे में बात करेगे. अगर आप भी मेहंदीपुर बालाजी के बारे में संपूर्ण जानकारी पाना चाहते है. तो हमारा यह आर्टिकल अंत तक पढ़िए.

मेहंदीपुर बालाजी के नियम / मेहंदीपुर बालाजी अर्जी लगाने का तरीका

जो व्यक्ति मेहंदीपुर बालाजी जाता है. उन्हें नीचे दिए गए नियमों का पालन करना जरूरी हैं. तथा अर्जी लगाने का तरीका भी हमने नीचे बताया हैं.

  • मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाने के एक सप्ताह पहले ही मांस, शराब, लहसुन, प्याज, अंडा आदि का सेवन करना बंध कर देना चाहिए.
  • मेहंदीपुर बालाजी मंदिर पहुंचने के बाद वहा पर आप ठहरने की व्यवस्था करे. उसके बाद स्नान आदि करके साफ वस्त्र धारण करके ही बालाजी मंदिर में प्रवेश करना चाहिए.
  • बालाजी के मंदिर पहुंचकर हाजरी लगाने के लिए दरखास्त करनी चाहिए.
  • किसी भी चीज़ या वस्तु को अपने हाथो से न चढ़ाए.
  • इसके बाद आप रोग-मुक्ति की अर्जी लगा सकते हैं. साथ में अर्जी मंजूरी की भी दरखास्त लगानी चाहिए.
  • मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में सुबह-शाम दोनों समय आरती होती हैं. उस समय आरती के छीटे लेने चाहिए.
  • जिन रोगियों की या भक्तो की पेशी आ रही है. उनके लिए पर्याप्त जगह पहले से छोड़ देनी चाहिए. ताकि वह आसानी से बाबा से अरदास कर सके.
  • मंदिर से जो भी प्रसाद मिलता हैं. वह खुद ही खाना चाहिए. प्रसाद नाहीं किसी को देना चाहिए. और नाहीं किसी से लेना चाहिए.
  • अगर आप भंडारा या हवन करवाना चाहते है. तो मंदिर के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं.
  • जब तक मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में आप रुकते है. स्त्री और पुरुष को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.
  • अपने ठहरने के स्थान पर दरी बिछाने के बाद ही सोना या बैठना चाहिए.
  • मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में पैर फैलाकर नहीं बैठना चाहिए.
  • जो स्त्री रजस्वला है. उन्हें सात दिन तक मंदिर परिसर में नहीं जाना चाहिए. तथा वहा की भभूत-जल का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए.
  • मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से आप घर वापसी के समय जल-भभूत आदि ला सकते हैं. लेकिन प्रसाद घर लाने की मनाई हैं.
  • बालाजी मंदिर से घर लौटते समय दरबार में यह दरखास्त लगानी चाहिए की “हम घर जा रहे है हमारी रक्षा करना”.
  • घर वापसी की दरखास्त के बाद लड्डू नहीं खाना चाहिए.
  • आपको जो कार्य करना हो जैसे की नहाना, खाना-पीना, शौच आदि करने के बाद अंत में ही घर वापसी की दरखास्त लगानी चाहिए. घर वापसी की दरखास्त लगाने के बाद कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए.
  • मंदिर से घर लौटते समय अपने थेला, पर्स, बैग आदि अच्छे से चेक कर लेना चाहिए. वहा से खाने-पीने की कोई भी वस्तु घर पर नहीं लानी चाहिए.
  • घर वापसी की दरखास्त लगाने के बाद एक पल भी मंदिर या मंदिर परिसर में नहीं रुकना चाहिए.

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की जानकारी

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित हैं. यह हनुमानजी का मंदिर हैं. यहा भारी मात्रा में दर्शनार्थी बालाजी के दर्शन करने के लिए आते हैं. भक्तो के लिए यह मंदिर बहुत ही कल्याणकारी माना जाता हैं.

जहा भक्तो की सभी मनोकामना बालाजी पूर्ण करते हैं. जिस पर भी भुत-प्रेत का शाया होता है. ऐसी बुरी शक्तियों से यहा छुटकारा मिलता हैं.

मेहंदीपुर बालाजी की रहस्यमई बातें

1. लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि मेंहदीपुर बालाजी मंदिर के प्रसाद को न तो खाना चाहिए और न ही प्रसाद को घर लाना चाहिए. इतना ही नहीं, यहां का प्रसाद किसी को देना भी नहीं चाहिए. लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि यहां से किसी भी चीज को घर ले जाने पर आपके ऊपर बुरे साये का असर आ जाता है. 

2. मेंहदीपुर बालाजी मंदिर को लेकर एक बात ये सुनने में आती है कि बालाजी की छाती के बीच में एक छेद है, जिसमें से लगातार पानी बहता रहता है. मान्यता है कि इसे बालाजी का पसीना कहा जाता है. 

3. कहते हैं कि यहां भगवान हनुमान बाल रूप में मौजूद हैं. वहीं, मंदिर के समीप भगवान राम और माता सीता की मूर्ति है, हनुमान जी हमेशा इनके दर्शन करते रहते हैं. 

4. नकारात्मक बुराइयों और भूत-प्रेत की बाधाओं से बचने के लिए प्रेतराज सरकार के दरबार में हर रोज 2 बजे कीर्तन होता है.इस मंदिर में भैरवबाबा की मूर्ति मौजूद है. यहां नकारात्मक बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है. 

5. इतना ही नहीं, कहते हैं कि मेहंदीपुर बालाजी मंदिर आने वाले सभी लोगों को एक सप्ताह तक अंडा, मांस, शराब, लहसुन और प्याज का सेवन बंद करना पड़ता है.

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GURUDEV SANTOSH TRIPATHI

आम इंसान की समस्‍याओं और चिंताओं की नब्‍ज पकड़कर बाजार में बैठे फर्जी बाबा और ढोंगी लोग ज्‍योतिष के नाम पर ठगी के लिए इस प्रकार के दावे करते हैं। ज्‍योतिष विषय अपने स्‍तर पर ऐसा कोई दावा नहीं करता।

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